Sunday, 2 June 2019

Aligarh ke shayar shameem bastavj sahab

अलीगढ़ के मारूफ़ शायर शमीम बस्तवी साहब रमज़ान के महीने में बाज़ार से लौट रहे थे।हाथ में एक थैली थी जिसमें कोई सामान था।रास्ते में एक पहचान वाले मिल गए।
पूछा:मौलाना...! क्या ले कर जा रहे हो?
उन्होंने कहा: ऐसी चीज़ जिसके खाने से रोज़ा नहीं टूटता.."
उन साहब ने कहा: ऐसी चीज़ों का इल्म मौलाना लोग अपने पास छुपा कर रखते हैं और हमें बताया जाता है कि कुछ भी खाओ, रोज़ा टूट जाएगा।
ये तो नाइंसाफी है। हमें भी खिलाएं। ज़िद पर अड़े दोस्त को उन्होंने समझाया कि रहने दो। मत खाओ। पर वे माने नहीं।
शमीम साहब ने थैली खोली तो उसमें जूते थे...

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