Thursday, 27 June 2019

Shayari 2019 | apni zulfon ko | gazal 2019

अपनी ज़ूल्फों को यूं बेखायाल करती है
कुछ इस तरह से वो हवा का इस्तेमाल करती है

अब उसके तार्रुफ में मैं तुमसे क्या कहूं
एक लड़की जो मेरी अम्मी का खयाल करती है

ये कमरा घर में ख़ुशबू का जरिया बना रहता है
जब बिखेर कर वो ठीक अपने बाल करती है

मीर ओ ग़ालिब तक समझ न पाए इस बाला को
गालों को हाथों से कभी बोसो से लाल करती है

Anas alam



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