अपनी ज़ूल्फों को यूं बेखायाल करती है
कुछ इस तरह से वो हवा का इस्तेमाल करती है
अब उसके तार्रुफ में मैं तुमसे क्या कहूं
एक लड़की जो मेरी अम्मी का खयाल करती है
ये कमरा घर में ख़ुशबू का जरिया बना रहता है
जब बिखेर कर वो ठीक अपने बाल करती है
मीर ओ ग़ालिब तक समझ न पाए इस बाला को
गालों को हाथों से कभी बोसो से लाल करती है
Anas alam
कुछ इस तरह से वो हवा का इस्तेमाल करती है
अब उसके तार्रुफ में मैं तुमसे क्या कहूं
एक लड़की जो मेरी अम्मी का खयाल करती है
ये कमरा घर में ख़ुशबू का जरिया बना रहता है
जब बिखेर कर वो ठीक अपने बाल करती है
मीर ओ ग़ालिब तक समझ न पाए इस बाला को
गालों को हाथों से कभी बोसो से लाल करती है
Anas alam
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