Saturday, 29 June 2019

Shayari 2019 | is shaam ka aana bhe | gazal 2019

इस शाम का आना भी आना क्या है,
बता आज इनकार का बहाना क्या है

आइए बैठिए मोहब्बत से बात करते हैं,
ये बात बात पर लहू बहाना क्या है

ज़मीन सींचते मर गया एक किसान,
अब ख़ुदग़र्ज़ बारिश का आना क्या है

मेरे ख़ून को मिट्टी से मिला फिर देख,
मालूम होगा तुझे वतन का दीवाना क्या है

बस उसका चेहरा देखकर खामोश रहता हूं,
ख़ाक में मिला दूं ये जा ज़माना क्या है

चाहूं तो घोल दूं बगावत अशआरों में लेकिन,
गुलिस्तां में नफरत की बू उड़ाना क्या है

मैं काग़ज़ पर इन्कलाब लिख कर चला जाऊंगा,
उसके बाद ज़ोर ए कलम बताना क्या है

इस क़त्लेआम को कोइ और नाम देदो,
अब बीच में राम को लाना क्या है

अनस आलम

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