Thursday, 30 May 2019

A poetry by love of heart | love poetry | gazal | maine Cigarette jalai vo yaad aane laga |

उसके वापस आने का यकीन जाने लगा,
मैनें सिगरेट जलाई, वो याद आने लगा

बागों में तितलियां थीं तितलियों में कई रंग,
फिर मुझे उसका दुपट्टा याद आने लगा

कितना मासूम था उसका हर एक आंसू,
मेरे दामन पे गिरा तो दाग़ मिटाने लगा

इस ख़ाली कमरे से पूछो मैं कैसा था,
वो तो तुम आगई मैं हसने गाने लगा

महफिलों से मेरा कोई वास्ता था ही नहीं,
उसकी सोहबत में आके मैं भी शेर सुनाने लगा

अनस आलम।


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