Friday, 24 May 2019

Meri hadon ko aamane koi aaya to tha | gazal |

मेरी हदों को आज़माने कोई आया तो था,
इस समंदर को हाथों में उठने कोई आया तो था

मुद्दातों बाद आज किसी के क़दमों कि आहट सुनी,
मेरे इस वीराने को घर बनाने कोई आया तो था

सबको चौखट से बाहर कर दिया दगाबाज समझ कर,
उसमे कोई मेरे साथ रह जाने आया तो था

किसी को अपनाना तो चाहता हूं मगर दिल नहीं मानता,
पिछले बरस मुझे कोई बहुत तड़पने आया तो था

खूबसूरत थी वो रात मुझे याद है आज भी,
सर्द आंहों को आंच बनाने कोई आया तो था

अनस आलम



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